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अपनी जन्मकुंडली में ऐसे जाने ग्रहों की मित्रता और शत्रुता

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आपकी जन्म कुंडली में कौन सा ग्रह किसका मित्र किसका शत्रु जाने ग्रहों की मैत्री आज मैं इस पोस्ट में आपसे आपकी जन्मकुंडली में कौन सा गृह किस गृह का मित्र है या शत्रु है इस विषय पर बात करूँगा| ये विषय बहुत ही आवश्यक है एवं महत्वपूर्ण है क्योंकि यदि आपको ये नहीं मालुम है की कौन सा गृह किस गृह का मित्र है या शत्रु है तो आप जन्मकुंडली का अध्ययन सही सही नहीं कर सकते हैं| ज्योतिषीय शास्त्रों में तीन प्रकार की मैत्री बताई गयी है| १. नैसर्गिक मैत्री २. तात्कालिक मैत्री ३. पंचधा मैत्री नैसर्गिक मैत्री क्या होती है? नैसर्गिक मैत्री से तात्पर्य है स्वाभाविक प्राकृतिक मैत्री ये मैत्री स्थायी है| उदाहरण के लिए सूर्य गृह के नैसर्गिक मित्र चंद्रमा, मंगल और गुरु हैं जबकि चन्द्रमा के नैसर्गिक मित्र सूर्य और बुध हैं| तात्कालिक मैत्री या शत्रुता क्या होती है? ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों की परस्पर स्थिति के आधार पर भी शत्रुता और मित्रता होती है| इस मित्रता और शत्रुता को ही तात्कालिक शत्रुता या मित्रता कहते हैं| तात्कालिक मित्रता या शत्रुता का चार्ट नीचे दिया गया है| तात्कालिक मित्रता और शत्रुता को हम